अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥ देवो के हित विष पी डाला, नील https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
Top Shiv Chaisa Secrets
Internet 1 hour 53 minutes ago christopherh790wsq7Web Directory Categories
Web Directory Search
New Site Listings